अमरुद की जैविक खेती से बने करोड़पति।

अमरुद की एक ऐसी वैरायटी जिसकी खेती से किसान बन सकते है करोड़पति। 

अमरुद की ताइवान वाइट 20 वैरायटी की जैविक खेती से अम्बाला के किसान कमा रहे  5 लाख रूपये प्रति एकड़। किसान 50 हज़ार रुपये की लागत लगा कर एक एकड़ में 10 लाख तक कमा सकते है। Taiwan White 20 Guava variety अमरुद की एक शानदार वैरायटी है। 

अमरुद की जैविक खेती से बने करोड़पति।

ताइवान वाइट 20 अमरुद की वैरायटी (Taiwan White 20 Guava variety)

आज हम आपसे Taiwan White 20 Guava variety की बात करेंगे की कैसे यह वैरायटी किसान भाइयो के लिए लाभदायक साबित हो रही है और हम आज आप[से अम्बाला के एक किसान की सफल कहानी भी शेयर करेंगे की कैसे इस किसान ने डेरी फार्मिंग का बिज़नेस छोड़ कर 9 एकड़ में Taiwan White 20 Guava की जैविक खेती कर के करोड़ो रुपये कमाए है। और आज भी वो अम्बाला में अमरुद के सफल किसानो में गिने जाते है। जी इन किसान किसान का नाम है वरुण गुप्ता। वो बताते है की इस वैरायटी से आप पहले साल से ही पैसा कमा सकते है। और किसान इस वैरायटी से साल में तीन बार फसल ले सकते है। 

डेरी छोड़ कैसे की बागवानी की शुरुवात 

वरुण गुप्ता जी बताते है की उन्होंने डेरी का बिज़नेस इसलिए छोड़ा क्युकी लेबर बहुत महंगी पड़ रही थी और दूध का रेट भी बहुत कम था। उनके पास खुद की ज़मीन थी जिसमे वो धान और गेहू की फसल लेते थे फिर उन्होंने अमरुद की बागवानी के बारे में पढ़ा तो उन्होंने 3 साल पहले अमरुद की बागवानी करने का फैसला लिया और उन्होंने फैसला लिया की वो आर्गेनिक खेती करेंगे यानी की जैविक खेती। उन्होंने 9 एकड़ में Taiwan White 20 Guava वैरायटी लगाई और 2 साल बाद ही उनको काफी लाभ हुआ और वो काफी खुश है और आज उनका अमरुद अच्छे रेट पर मार्किट में बिकता है। इसके दो कारण है एक यह की Taiwan White 20 Guava वैरायटी शानदार वैरायटी है इसका पेड़ ज़्यादा बड़ा नहीं होता और अमरुद ज़्यादा आते है और दूसरा कारण है की वरुण गुप्ता जी ने जैविक खेती को चुना। 


अमरुद की जैविक खेती से बने करोड़पति।

लागत, उत्पादन और कमाई 

वरुण जी बताते है जी पहले साल उन्होंने 1100 पौधे लगाए जिनकी कीमत 45 हज़ार रुपये आयी और उनको खेत में लगा कर जो सारा खर्च हुआ वो 75 हज़ार के करीब था। और दूसरे साल उनको एक पौधे से 20 किलो का अमरुद का उत्पादन मिला जो की मार्किट में 50 से 60 रुपये किलो तक बिका। उन्होंने बताया की मंडी में उनके अमरुद का अलग ही रेट होता था क्युकी हमारा अमरुद जैविक था। जो सीधे बड़े शहर में एक्सपोर्ट कर दिया जाता था। अगर हम बात करे सिर्फ 40 रुपये रेट की तो 20 किलो के हिसाब से 800 रुपये बना। और सारे पेड़ है वरुण जी के पास 1100 तो उनकी दूसरे साल ही आमदनी होती है 8 लाख। जो की एक बहुत ही ज़बरदस्त आमदनी है किसी भी बागवानी में। और यह हम आपको सिर्फ 9 एकड़ का बता रहे है। वरुण गुप्ता जी बताते है की तीसरे साल उनका उत्पादन 40 किलो जायेगा। तो तीसरे साल वरुण जी की इनकम होती है 16 लाख रु। Taiwan White 20 Guava variety

अमरुद ही क्यों चुना 

वरुण जी बताते है की आप अमरुद (Taiwan White 20 Guava variety) की जैविक खेती कर के एक साल में तीन फसल ले सकते है। और वो बताते है की जो इसमें ख़ास है वो है अमरुद की कटिंग। आंधी तूफ़ान, ओले, ज़्यादा बारिश कोई नुक्सान नहीं। 

ताइवान वाइट 20 वैरायटी ही क्यों चुना 

Taiwan White 20 Guava में देसी वैरायटी या और वैरायटी के मुकाबले ज़्यादा ग्रोथ है और उत्पादन भी ज़्यादा है। आप इस वैरायटी से दूसरे साल ही फल ले सकते हो अच्छा मुनाफा कमा सकते हो।  वरुण जी बताते है की उनके पास में एक बाग़ और है अमरुद का उन्होंने दूसरी वैरायटी लगाई है और वो केमिकल्स का प्रयोग करते है और दो साल से उन्होंने कोई फल नहीं तोडा है और वरुण जी दो साल से लगातार फल तोड़ रहे और ज़बरदस्त मुनाफा ले रहे है। छोटे से पेड़ पर ज़बर्दस्त फल आता है और साइज भी अच्छा होता है। किसी भी प्रकार का रोग नहीं आता। 

अमरुद की जैविक खेती से बने करोड़पति।

भरपूर फल कैसे आता है (Taiwan White 20 Guava variety)

वरुण गुप्ता जी बताते है जो पेड़ो पर दूसरे साल ही भरपूर फल आया है उसका राज़ है जैविक खेती। इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल इस्तेमाल नहीं होता। इस अमरुद का रस ज़्यादा मीठा नहीं होता इसको शुगर के मरीज़ भी खाते है और मार्किट में इसकी डिमांड बहुत ज़्यादा रहती है। जैविक खेती की वजह से इसमें बीज बहुत कम होते है। अंदर से नरम होता है। इसका प्रयोग जूस में किया जाता है। और अमरुद की तुलना में इसकी लाइफ भी ज़्यादा होती है। 

तापमान और मिट्टी (Taiwan White 20 Guava variety)

वरुण जी बताते है की 48 डिग्री तापमान तक इस वैरायटी को दिक्कत नहीं है। और सर्दी में 1 या 2 डिग्री में कोई दिक्कत नहीं। पाले में भी दिक्कत नहीं। मट्टी ज़्यादा टाइट नहीं होनी चाइये नरम मिटटी होनी चाइये और खाद अच्छी मात्रा में डाले, मिट्टी को भुर भूरा रखे जिस से जड़ो का फैलाओ बहेतर हो सके। 

एक पेड़ से दूसरे पेड़ की दुरी कितनी रखे

हाई डेंसिटी में पौधे से पौधे की दुरी बहुत ही कम राखी जाती है। और पौधे की समय समय पर कटिंग की जाती है जिस से पेड़ की उचाई मेन्टेन राखी जा सके। कटिंग का फ़ायदा यह है की जहां से कटिंग की जाएगी वही से नई पत्ती फूटेगी और नई डाल बनेगी और इसी नई दाल पर भरपूर फल आएगा। आम तोर पर एक डाल काटने से 3 डाल की फुट होती है। कुछ किसान इसको 3G  कटिंग भी कहते है। 

क्या क्या समस्या आती है 

वरुण जी बताते है की सबसे ज़्यादा समस्या खत परवार कीआती है। पेस्टिसाइड, फूफंद, दीमक, अन्य रोग जैसी समस्या अभी तक नहीं आयी है। आर्गेनिक की वझे से अभी तक कोई प्रॉब्लम नहीं आयी है। 

ड्रिप इर्रिगेशन, जैविक खेती से मिली अलग पहचान 

वरुण जी बताते है की उनको इस वैरायटी से तो अलग पहचान मिली ही उसके साथ साथ इसका जैविक होना भी बहुत बड़ा कारण है और ड्रिप सिचाई भी एक महत्वपुर्ण निर्णय है। ड्रिप सिचाई से पेड़ के निचे ज़्यादा ख़ास फूस नहीं होगा, जितना पानी चाइये उतना लगेगा। पानी की बचत होगी, लेबर कम खर्च होगी। अगर आप ड्रिप सिचाई का प्रयोग करते है आपका उत्पादन बढ़ने के 100 % चांस है। 

बागवानी के लिए सबसे ज़रूरी बाते 

  • पौधा अच्छी क्वालिटी का सेलेक्ट करे। 
  • पौधा अच्छी वैरायटी का सेलेक्ट करे। Taiwan White 20 Guava variety सबसे अच्छी वैरायटी है। 
  • जैविक खेती को अपनाये। 
  • ड्रिप सिचाई का प्रयोग करे। ड्रिप पर सरकार भी 90 % तक सब्सिड़ी दे रही है। 

संपर्क करे 

किसान भाइयो अगर आप भी Taiwan White 20 Guava variety के पौधे खरीदना चाहते हो तो इस मोबाइल नंबर पर कांटेक्ट करे 7015842336 और कोई भी बात  पूछनी हो आप हमे पोस्ट के निचे कमेंट भी कर सकते है। आपसे विनती है की हमारी पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे। 

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