ग्राम पंचायत चुनाव यूपी के पहले हाई कोर्ट ने क्या कहा
उत्तर प्रदेश (यूपी पंचायत चुनव) में पंचायत चुनावों का इंतजार लगभग खत्म हो गया है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election पिछले दो-तीन दिनों से, नवीनतम आरक्षण सूची के निर्वहन का अनुमान लगाया जा रहा है, यह उम्मीद है कि बुधवार शाम तक एक प्रतिस्थापन पंचायत चुनव आरक्षण सूची जारी की जा सकती है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
आरक्षण से जुड़ा सरकारी आदेश
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आरक्षण सूची के दौरान ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए रोटेशन आरक्षण लागू किया जाता है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election इससे अलग, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर आरक्षण में बड़े बदलाव की उम्मीद है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
मंत्री ने दी मंजूरी, जल्द ही आरक्षण से जुड़ा सरकारी आदेश
पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह की मंजूरी के बाद पंचायती राज विभाग द्वारा आरक्षण के लिए शासनादेश जारी किया जाना है। मंत्री ने पहले ही संकेत दिया है कि इस क्षेत्र और क्षेत्र पंचायत के भीतर सीटों का आरक्षण अक्सर शून्य कर से लेकर नए आरक्षण तक तय किया जाता है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
उसी आदेश के भीतर, यह कहा जा रहा है कि परिसीमन से पीड़ित ग्राम पंचायतों के भीतर, रोटेशन का आरक्षण नए सिरे से होने जा रहा है। उनका तर्क है कि पिछले पांच चुनावों के भीतर, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनावों में चौबीसों घंटे आरक्षण हुआ है। इसलिए, आरक्षण को नए सिरे से तय करने की आवश्यकता है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
2015 की तुलना में ग्राम प्रधानों के पद कम हुए
दरअसल, 2015 के पंचायत चुनावों की तुलना में राज्य के भीतर ग्राम प्रधानों के 880 पद कम हो गए हैं। 2015 में, राज्य के भीतर विकास खंडों की संख्या 821 थी, जो बढ़कर 826 हो गई है, यानी इसमें वृद्धि हुई है ब्लॉक प्रमुख के पद के भीतर 5 पद। वर्ष 2015 के भीतर 59,074 ग्राम प्रधानों के पद के लिए चुनाव हुए थे, लेकिन संक्षिप्त परिसीमन के भीतर 880 ग्राम पंचायतें आबादी वाले क्षेत्र में शामिल हो गई हैं। ऐसी स्थिति में, इस वर्ष होने वाले पंचायत चुनावों के भीतर, कुल 58194 ग्राम प्रधान चुने जाने वाले हैं। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
HC ने सरकार से ग्राम प्रधानों के अधिकारों को छीनने के लिए कहा
इलाहाबाद की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में आगामी ग्राम पंचायत चुनावों के मद्देनजर ग्राम प्रधानों की शक्तियों को हटाने और ग्राम पंचायतों को चलाने के लिए प्रशासकों की नियुक्ति पर जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर सरकार को जवाब देने को कहा है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने बुलंदशहर जिले के ग्राम प्रधान कृष्ण पाल और एक अन्य ग्राम प्रधान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील महेश शर्मा ने अदालत को बताया कि 24 दिसंबर, 2020 को जारी अधिसूचना के माध्यम से, सभी ग्राम प्रधानों के अधिकारों को हटा दिया गया था और इसलिए संबंधित जिले के सहायक विकास अधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया गया था। यूपी पंचायत चुनव, UP Panchayat Election
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