किसानों का पंजीकरण नीति के तहत शुरू हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा 6000 खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूं 1 अप्रैल से खरीदा जाएगा। राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये निर्धारित किया है। इस बार ई-पॉप मशीन के माध्यम से गेहूं की खरीद की जाएगी। बुधवार को आयोजित कैबिनेट बाइकार्युलेशन में गेहूं खरीद नीति को मंजूरी दी गई। इसके अलावा राशन की दुकानों तक अनाज पहुंचाने के लिए सिंगल स्टेप डिलीवरी को भी मंजूरी दी गई।
किसानों का पंजीकरण नीति के तहत शुरू हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा 6000 खरीद केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। वहीं, गेहूं की खरीद के लिए ई-पॉप का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे किसान को गेहूं बेचते समय अपना अंगूठा लगाना होगा। अगर किसान खुद नहीं आ पा रहा है तो उसे अपने परिवार के किसी सदस्य का आधार नंबर देना होगा। इससे बिचौलियों का दखल खत्म हो जाएगा। इस बार विभाग ने गेहूं क्रय केंद्रों की स्थिति जानने के लिए एक ऐप भी विकसित किया है। इस ऐप से क्रय केंद्र के केंद्र प्रभारी, उनका फोन नंबर और केंद्र तक पहुंचने का रास्ता भी पता चल जाएगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गोदाम से खाद्यान्न उठाने के नाम पर खेल खत्म हो गया है। कोटेदार की दुकान पर अब सीधे राशन पहुंचाया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि जिले के समरेर ब्लॉक में हुआ प्रयोग सफल रहा है। इसलिए, डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा अन्य ब्लॉकों में भी लागू की जा रही है। अब तक खाद्यान्न FCI गोदाम से SFC गोदाम तक जाता था। तब कोटेदार को वहां से आवंटित किया गया था। हालांकि, इस महीने से यह प्रणाली पूरी तरह से बदल जाएगी
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