Ayurvedic Akarkara ki kheti : औषधीय पौधा अकरकरा आज किसानों के लिए आय का जरिया बन गया है। अंग्रेजी में इसे पेलिटोरी रूट कहते हैं। अकरकरा की खेती एक खास औषधीय पौधे के रूप में की जाती है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
Ayurvedic Akarkara ki kheti
देश की कई नामी कंपनियों के आयुर्वेद उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं और साल भर इनकी मांग बनी रहती है। औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई राज्यों में सरकार द्वारा सब्सिडी और अनुदान भी प्रदान किया जाता है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
अकरकरा की खेती की जानकारी
औषधीय पौधा अकरकरा आज किसानों के लिए आय का जरिया बन गया है। अंग्रेजी में इसे पेलिटोरी रूट कहते हैं। अकरकरा की खेती एक खास औषधीय पौधे के रूप में की जाती है। अकरकरा पौधे की जड़ों का इस्तमाल आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है।
अकरकरा का इस्तमाल पिछले चारसो सालो से आयुर्वेद में किया जा रहा है। अकरकरा कई औषधीय गुणों से भरपूर है। अकरकरा के बीज और डंठल की मांग बनी रहती है। अकरकरा का उपयोग डेंटिन और दर्द निवारक और तेलों के निर्माण में किया जाता है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
किसान राजमा की खेती से ले रहे शानदार मुनाफा, खेत में खड़े खड़े हो जाता है सौदा।
अकरकरा की फसल कितने दिनों में तैयार होती है
अकरकरा की खेती कम लागत वाली और अधिक उपज देने वाली होती है। अकरकरा की खेती 6 से 8 महीने की होती है। अकरकरा के पौधों को बढ़ने के लिए समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है। अकरकरा के पौधों पर भीषण गर्मी या अत्यधिक ठंड का असर नहीं पड़ता है। अकरकरा की खेती के लिए मिट्टी का P.H. मान सामान्य होना चाहिए। Akarkara ki kheti
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अकरकरा की खेती भारत में कहां कहां की जाती है।
भारत में अकरकरा की खेती मुख्य रूप से मध्य भारत, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और महाराष्ट्र राज्यों में होती थी। Ayurvedic Akarkara ki kheti
अकरकरा की खेती के लिए उपयुक्त भूमि
यदि आप अकरकरा की खेती करना चाहते हैं, तो आप अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि का चयन कर सकते हैं। जलभराव और भारी मिट्टी वाले खेतों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है। हमारे देश में इसकी खेती रबी फसल के साथ-साथ की जाती है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
इस औषधीय पोधे की खेती में लागत बहुत कम और मुनाफा 5 से 6 लाख।
अकरकरा की खेती के लिए मिट्टी भंगुर और मुलायम होनी चाहिए, क्योंकि यह एक कंद की फसल है। यानी यह जमीन के नीचे आलू-मूली की तरह उगता है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
अकरकरा की खेती से बेहेतर उपज पाने के लिए क्या करे।
- अकरकरा की खेती के लिए खेत को अच्छी तरह से जोतकर कुछ दिनों के लिए छोड़ दे। जिस से सभी प्रकार के खतपरवार सुख का खत्म हो जाए। Ayurvedic Akarkara ki kheti
- अब कुछ दिनों बाद खेत में जैविक खाद डालकर अच्छी तरह मिला लें। Ayurvedic Akarkara ki kheti
- आप अकरकरा को बीज और पौधे दोनों रूपों में उगा सकते हैं। अकरकरा का पौधा भी नर्सरी में तैयार किया जाता है। अब अगर आपने नर्सरी से अकरकरा के पोधे तैयार कर रखे है तो 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर मेड बनाकर लगाए। लेकिन अगर सीधे खेत में बीज बोना चाहते है तो अकरकरा की खेती के लिए लगभग 3 किलो प्रति एकड़ बीज के रूप में जरूरत पड़ेगी। Ayurvedic Akarkara ki kheti
- अकरकरा का पौधा खेत में लगाने के बाद तुरंत सिंचाई कर दी जाती है। हालांकि, ज्यादा सिंचाई नहीं करनी है। Ayurvedic Akarkara ki kheti
- अकरकरा की अच्छी पैदावार और पौधों की वृद्धि के लिए हर 15 दिन बाद निराई गुड़ाई करे। Ayurvedic Akarkara ki kheti
अकरकरा की खेती या नर्सरी का समय
अकरकरा की खेती से उत्पादन
अकरकरा की खेती में लागत
अकरकरा की खेती से फायदा
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