Aalu ki nai Varieties : प्रशिक्षण के रूप में एक सरकारी संस्थान ने Aalu ki kism कसावा और चीनी आलू की किस्मों Potato Varieties की खेती की थी, जो सफल रही हैं। इसके बाद अब बड़ी संख्या में किसान इन दोनों किस्मों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। Aalu ki nai Varieties
Aalu ki nai Varieties (Potato Varieties)
इन आलू की किस्मों में लागत बहुत कम
आलू की इन किस्मों का उत्पादन
सीटीसीआरआई, तिरुवनंतपुरम के प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक जी बायजू के अनुसार, कसावा की नई किस्म बहुत अच्छी गुणवत्ता के साथ 45 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है। Potato Varieties साथ ही यह रोग प्रतिरोधी भी है। किसानों को रोग की रोकथाम और कीट नियंत्रण के लिए रासायनिक दवाओं का छिड़काव नहीं करना पड़ेगा। इससे उनकी लागत कम होगी। Aalu ki nai Varieties
बायजू ने कहा कि इन दोनों किस्मों के लिए किसानों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। Potato Varieties अधिक उपज देने वाले कसावा की श्री रक्षा किस्म की खेती के लिए कई किसान बीज एवं अन्य रोपण सामग्री की मांग को लेकर संस्थान में आ रहे हैं। Aalu ki nai Varieties
सीटीसीआरआई ने एक दर्जन किसानों को बीज, रोपण सामग्री और उपयुक्त उर्वरक वितरित किए हैं। बायजू का कहना है कि इस किस्म के कसावा की खेती करने से निश्चित तौर पर किसानों की आमदनी में काफी इजाफा होगा। Aalu ki nai Varieties
सामान्य किस्मों से 50 प्रतिशत अधिक होगी पैदावार
चीनी आलू एक प्रमुख व्यावसायिक रूप से उगाई जाने वाली फसल है। सीटीसीआरआई द्वारा विकसित Potato Varieties इस आलू की श्री धरा किस्म के सफल प्रशिक्षण के बाद बड़ी संख्या Aalu ki nai Varieties में किसान इसकी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। Aalu ki nai Varieties
सीटीसीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक आर मुथूराज ने कहा कि जब हमने प्रायोगिक आधार पर इस किस्म को यहां लगाया तो स्थानीय किस्मों की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक उपज प्राप्त हुई। Aalu ki nai Varieties
वहीं दूसरी ओर गुणवत्ता से भरपूर और बड़े आकार के होने के कारण श्री धरा किस्म के आलू को बाजार में अच्छी कीमत मिली, जिसका सीधा फायदा किसानों को हुआ। यही कारण है कि किसान अब बड़ी मात्रा में चीनी आलू की श्री धरा किस्म की खेती कर रहे हैं। Aalu ki nai Varieties
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