Varieties of carrot : आलू की बिजाई के साथ ही सितंबर से गाजर की खेती भी शुरू हो जाती है। gajar ki variety अगले 100 से 110 दिनों में फसल पकने के लिए तैयार हो जाती है। gajar ki variety यदि रोपण के समय किस्मों का सही ढंग से चयन किया जाए तो उपज में वृद्धि की जा सकती है। Varieties of carrot
Varieties of carrot in hindi
गाजर की एशियाई किस्में Varieties of carrot
गाजर की यूरोपीय किस्में: Varieties of carrot
हिसार माधुरी: यह गाजर की एक नई किस्म है और किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है। गाजर की लंबाई 25 से 30 सेमी तक होती है। 150 से 200 क्विंटल उत्पादन। Varieties of carrot
हिसार गेरिक: यह किस्म अपने उत्पादन के लिए जानी जाती है। यह हल्का नारंगी होता है। प्रति हेक्टेयर औसत उपज 275 है। Varieties of carrot
पूसा मेघाली: यह गाजर की शुरुआती फसल है। किसान इसे सितंबर में लगाते हैं और यह 100 से 110 दिनों में तैयार हो जाता है। औसत उपज 250 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। Varieties of carrot
पूसा केशर: यह गाजर की देशी किस्म है। इसके पत्ते छोटे होते हैं। प्रति हेक्टेयर औसत उपज 250 क्विंटल तक होती है। Varieties of carrot
पूसा रुधिर: इसकी उपज भी लंबी और गहरे लाल रंग की होती है। किसान इसे 15 सितंबर से अक्टूबर के बीच लगाते हैं और यह दिसंबर तक तैयार हो जाता है। प्रति हेक्टेयर उपज 280 से 300 क्विंटल तक होती है। Varieties of carrot
पूसा आंसिता: गाजर की इस किस्म का रंग हल्का काला होता है। बुवाई भी सितंबर से अक्टूबर के बीच होती है। फसल 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। उत्पादन लगभग 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। Varieties of carrot
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